
नई दिल्ली। Movie: Khandaani Shafakhana
Director: Shilpi Dasgupta
Cast: Sonakshi Sinha, Badshah, Varun Sharma
Rating: 3 stars
भारत में Sexual dysfunctions को ‘गुप्त रोग’ से रैफर किया जाता है और यह वास्तव में अजीब है कि हम किसी भी sexual problem को ऐसी शर्म और गोपनीयता प्रदान करते हैं। कुछ लोग है अभी भी जो ऐसी बिमारीयों के लिए सेक्सोलॉजिस्ट के पास जाते है। लेकिन सेक्स क्लीनिक के चलाने वाले डॉक्टर्स जो अपने Advertisements (सड़क पर लगे हॉकस्टर्स) में शब्दों का इस्तेमाल करते है वो मेडिकल लैंग्वेज से काफी अलग है। जैसे, निल शुक्राणु की कमी होना…
कहानी
निर्देशक शिल्पी दासगुप्ता की पहली फिल्म Khandaani Shafakhana एक हकीम (मामा) द्वारा चलाए जाने वाले क्लिनिक के बारे में है। मामाजी का किरदार कुलभूषण खरबंदा ने निभाया है। मामाजी ने उन समस्याओं को ठीक करने में दशकों बिताए हैं जो लोग सार्वजनिक रूप से बोले नही पाते है। एक दिन, मामाजी को उनके एक पुराने patient ने मार डाला, क्योकी मामाजी की दवा खाने के बाद वो अपने अति-सक्रिय सेक्स-ड्राइव पर काबू नही कर पा रहा था। मामाजी के मरने के बाद उनकी वसीहत पढ़ी जाती है। जहाँ क्लिनिक को मामाजी की भतीजी बैबी बेदी ( सोनाक्षी सिन्हा) के नाम किया जाता है। लेकिन इस शर्त पर कि वह छह महीने के लिए सक्रिय रूप से इस सेक्स क्लिनिक में काम करें, क्योंकि मामाजी नहीं चाहते कि उनके मरीज उनकी कमी महसूस करें। अब बैबी बेदी को लड़की होकर सेक्स क्लिनिक चलाने में कितनी दिक्कत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और रैपर गबरु घातक (बादशाह) कैसे उसकी मदद करता है। यही फिल्म की कहानी है।
एक्टिंग
बैबाक, बिंदास बैबी बेदी के रोल में सोनाक्षी सिन्हा ने बढि़या काम किया है। प्रेयांश जोरा उनके लव इंटरस्ट बने है। हालांकी फिल्म में लव स्पेस ज्यादा नहीं था। फिर भी प्रेयांश ने अपना काम अच्छे से किया है। उनके भाई के रोल में वरुण शर्मा ने हमेशा की तरह अपने सीन्स में जान डाली है। अनु कपूर को जज करना हमारे लिए बेईमानी होगी। रैपर बादशाह ने इस फिल्म से अपना डेब्यू किया है और अपने किरदार को बखूबी पर्दे पर निभाया। हालांकी वो पर्दें पर किश्तों में नज़र आते है। जज के रोल में एक्टर राजेश शर्मा के आते ही एक अलग ही माहौल बन जाता है। उनका कैरेक्टर कम समय का है मगर बेहद यूनिक है। जजों को हमेशा से बेहद गंभीर तरीके से पेश किया जाता रहा है। मगर राजेश ने इस किरदार में रोचकता भर दी।
कमी
फिल्म की रफतार इसकी सबसे बड़ी कमी है। जो शुरू से अंत तक आपको बांधे नही रख पाती। कई जगह फिल्म बोरिंग हो जाती है। इसकी वजह फिल्म की स्क्रीप्ट लगती है, जिसकों और interesting बनाया जा सकता था।
रिव्यू
Khandaani Shafakhana का सबसे बड़ा पॉजीटिव इसका सबजेक्ट है। फिल्म के जरिए एक बहुत ही जरुरी मैसेज दिया गया है। बस, अगर इसे थोड़ा और तरिके से दिखाया जाता तो फिल्म दिलों में बस जाती। इसके सबजेक्ट के लिए इस फिल्म को एक बार देखना तो जरुर बनता है। और यह पहली ऐसी सेक्स फिल्म है जिसें फैमिली के साथ देखना चाहिए। हमारी तरफ से फिल्म को 3 स्टार्स।