
नई दिल्ली। Amrish Puri की आज 87वीं जयंती है। गूगल ने डूडल (Google Doodle) बनाकर अमरीश पुरी को उनके 87वें बर्थडे पर याद किया है। पुणे स्थित अतिथि कलाकार देबांगशु मुलिक ने उस प्रतिभा का जश्न मनाया, जो अमरीश पुरी के डूडल के साथ थी।
Here’s to the actor who mastered the art of being so good at being the bad guy.
Today’s #GoogleDoodle marks the 87th birth anniversary of #AmrishPuri.➡️ https://t.co/u1FVpLNvbL pic.twitter.com/HtqMMokKKG
— Google India (@GoogleIndia) June 22, 2019
Google ने नोट किया, वह इस दिन 1932 में पंजाब में पैदा हुए थे, 39 साल की उम्र में अपनी पहली भूमिका निभाई और भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे यादगार खलनायकों में से कुछ को चित्रित करने के लिए आगे बढ़े।
थिएटर की दुनिया में काम करने और वॉयसओवर पार्ट्स करने के बाद, उन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू 1971 की “रेशमा और शेरा” में किया। एक दशक बाद, उन्होंने हॉलीवुड में ऑस्कर विजेता फिल्म “गांधी” में एक सहायक भूमिका निभाई थी।
Amrish Puri ने हिंदी, मराठी, कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तेलुगु, तमिल और अंग्रेजी सहित आधा दर्जन से अधिक भाषाओं में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। 55 वर्ष की आयु में, उन्होंने 1987 के कल्ट क्लासिक फिल्म “मिस्टर इंडिया” में प्रतिष्ठित खलनायक मोगैम्बो की भूमिका निभाई। जिसमें उनकी फेमस लाइन” मोगैम्बो खुश हुआ, आज तक लोगो के जहन में है। अमरीश पुरी ने न सिर्फ फिल्मों में विलेन का रोल निभाया बल्कि जब वे कैरेक्टर रोल में आए तो उन्होंने अपने फैन्स की आंखें नम कर दीं। ‘दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे’ में अमरीश पुरा का डायलॉग ‘जा सिमरन जा’ तो ऐसा आइकॉनिक डायलॉग बना है कि आज भी सबकी जुबान पर रहता है। बता दें, अमरीश पुरी अपने पहले स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए थे, और उन्हें एम्प्लॉइज स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन मिनिस्ट्री ऑफ लेबर ऐंड एंप्लॉयमेंट में नौकरी करने लगे।
अमरीश पुरी (Amrish Puri) ने नौकरी के साथ ही पृथ्वी थिएटर में नाटक करने शुरू कर दिए थे। वे रंगमंच की दुनिया का दिग्गज नाम बन गए और उन्हें 1979 में संगीत नाटक एकेडमी के पुरस्कार से भी नवाजा गया। साल 2005 में उनका निधन हो गया।