Kabir Singh Review

नई दिल्ली। शाहिद कपूर और कियारा अडवाणी स्टारर फिल्म Kabir Singh आज रिलीज हो गई है। कबीर सिंह तामिल फिल्म अर्जुन रेड्डी का हिन्दी रिमेक है और फिल्म का डायरेक्शन भी अर्जुन रेड्डी के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा ने किया है। कबीर सिंह में बेशुमार मोहब्बत है, तो साथ ही बेशुमार पागलपन भी है। आइये आपको बताते है कैसी रही ये फिल्म Kabir Singh Review…

कहानी

फिल्म की कहानी शुरु होती है मैडिकल कॉलेज के होनहार स्टूडेंट कबीर सिंह से जिसे एंगर मेैनेजमेंट की प्रॉबलम है। सरल भाषा में कबीर को गुस्सा बहुत आता है। लेकिन उसके मुताबिक कोई भी रिएक्शन बेवजह नही होता (Not a rebel without a cause). ऐसा ही देखने को मिलता है कॉलेज के फुटबॉल मैच में जहां कबीर दूसरे कॉलेज के स्टूडेंट को जमकर सुतता है। कबीर की इस हरकत के बाद उसे कॉलेज से सस्पेंशन मिलता है, वो कॉलेज छोड़ ही रहा होता है लेकिन ना छोड़ने की वजह मिल जाती है। फर्स्ट ईयर स्टूडेंट प्रीति सिक्का (कियारा अडवाणी), कबीर को प्रीति से लव एट फर्स्ट साइट हो जाता है और वो दूसरे स्टूडेंट को ये धमकी भी दे देता है की प्रीति से दूर रहे वो सिर्फ उसकी है। बिना किसी ऑफिशियल दो दर्फा प्रपोज के ये कहानी आगे बढ़ती है और प्रीति को भी कबीर से प्यार हो जाता है। लेकिन दोनो का ये प्यार लड़की के घर वालों को मंजूर नही और यही से शुरु होती है कबीर सिंह की बर्बादी।

Kabir Singh Review

फिल्म निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा ने फिल्म को फ्रेम दर फ्रेम अर्जुन रेड्डी से कॉपी किया और कुछ भी एक्ट्रा ऐड नही किया है। यही बात इस फिल्म को स्पेशल भी बनाती है। साथ ही फिल्म की नॉन लीनियर एडिटिंग भी फिल्म में ध्यान बना के रखती है। फिल्म की लैंथ आपको थोड़ा असहज महसुस जरुर कराती है लेकिन शाहिद कपूर की एक्टिंग सीट छोड़ने नही देती। उड़ता पंजाब के बाद शाहिद कबीर सिंह के अपने किरदार में खिल कर सामने आए और ये उनके करियर का वन ऑफ बेस्ट एक्ट है कहना बिलकुल भी गलत नही होगा। वही दूसरी ओर कियारा को उनकी स्क्रीन प्रेजेंस के हिसाब से डॉयलाग दिए गए है जो वो बेहद संजीदगी से निभाती है। फिल्म में कबीर के दोस्त बने शिवा की बात ना की जाए तो बेईमानी होगी। दोस्त के रूप में सोहम मजूमदार की भूमिका तारिफ के काबिल है। आज के समय में शिवा जैसा दोस्त भी किस्मत वालों को मिलता है। फिल्म में कई ऐसे सीन्स देखने को मिलते है जो अंधेरे की ओर ले जाते है ऐसे टाइम में शिवा का किरदार ही थोड़ा ह्यूमर देता है।

फिल्म का म्यूजिक फिल्म की जान है। औवरऑल कबीर सिंह एक एंटरटेनिंग मूवी है जिसे आप इस विकेंड जरुर देख सकते है। हमारी तरफ से फिल्म को 3.5 स्टार्स एंड ए बिग थम्स अप।

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