
नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में हर साल 69 मिलियन लोग सर में चोट लगने से ट्रॉमैटिक ब्रेन इंजरी (टीबीआई) यानी गंभीर दिमागी चोट के शिकार होते हैं। इन चोटों के कारण मरने या बीमार होने वाले व्यक्तियों के बारे में तो सबने सुना और देखा होगा, लेकिन एक खख्स ऐसा भी है जो सिर में एक गंभीर चोट लगने के बाद रातों रात Jason Padgett बन गया। सुनने में ये कहानी बिल्कुल फिल्मी हो सकती है लेकिन वॉशिंगटन में हुई ये सच्ची कहानी अपने आप में अनोखी है। ये कहानी 49 साल के Jason Padgett की है जो अपने पिता के साथ फर्निचर की दुकान में काम करते हैं। एक रात हुए हादसे ने जैसन की पूरी जिंदगी ही बदल डाली।
12 सितंबर 2002 की रात जैसन अपने दोस्तों के साथ टैकोमा के एक बार में बैठे थे। उन्होंने एक मेंहगी लैदर की जैकेट पहनी हुई थी। जिसे वहां खड़े दो गुंडे ने चोरी करने का प्लैन बना लिया। जैसन की जैकेट पाने के लिए गुंडो ने उनके सर पर लगातार घूसे मारना शुरू कर दिया। इस मारपीट में जैसन बुरी तरह घायल हो गए। वो गंभीर दीमागी रोग टीबीआई के शिकार हो गए। एक लंबे इलाज के बाद जैसन पैजेट बड़ी मुश्किल से मौत के मुंह से वापस निकले।
इस हादसे के बाद मानो Jason Padgett का दूसरा जन्म ही हो गया हो। अब जैसन पूरी तरह बदल चुके थे। अपनी चोटों से उबरने के दौरान जैसन को मैथ्स और फिजिक्स से प्यार हो गया। पढ़ाई में हमेशा से फेल होने वाले जैसन को अब हर जगह आइंस्टीन की रिलेटिव थ्योरी, पाई के फार्मूले, नंबर्स, फ्यूजन, और फिजिक्स के ज्योमैट्रिक शेप्स नज़र आने लगे। जिस जैसन को नालायक होने की वजह से कॉलेज से निकाल दिया गया था अब वही जैसन पूरा दिन एक कमरे में बंद होकर मैथ्स की प्रॉब्लम सोल्व करने लग गए। इतना ही नहीं चित्रकारी से दूर दूर तक कोई वास्ता ना रखने वाले जैसन अब कई हफ्तों तक पैंटिंगस बनाने में खुद को बिजी रखते। अपने पिता के साथ काम और दोस्तो के साथ घूमना फिरना छोड़ कर उन्होंने कम्युनिटी कॉलेज में एडमिशन ले लिया है। और इस तरह महान गणितज्ञ बनने के बाद जैसन ने स्ट्रोक बाई जीनियस: हाउ ए ब्रेन इंजरी मेड मी ए मैथमेटिकल मार्वल नाम की किताब भी लिखी , जिसमें उन्होनें अपने सारे अनुभव बताए हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर दिमाग में चोट लगने पर कोई इतना क्रिएटिव कैसे बन सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि जैसन की मेडिकल जांच से पता चला कि वो सेवेंट सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रसित हैं। पूरी दुनिया में अबतक सिर्फ 40 लोग ही इस बीमारी का शिकार हुए हैं। इस बीमारी के कारण दिमाग के सैंसेस बिगड़ जाते हैं। इस सिंड्रोम के कारण ब्रैन सर्जरी के बाद कोई भी इंसान मैथ, आर्टस या म्यूजिक में माहिर हो जाता है।