
नई दिल्ली। बॉलीवुड एक ऐसी दुनिया जहा जाने के ख्वाब लाखों आंखे देखती है, लेकिन हर कोई इस मायानगरी में ठहर नही पाता। फिल्म इंडस्ट्री में कौन पास होगा कौन फेल ये कोई नही बता सकता? ग्लैमर की दुनिया में काम करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में मुंबई पहुंचते हैं। उनमें से कई सक्सेसफुल होते हैं तो कईयों को लंबे समय तक संघर्ष करते रहना पड़ता है। हाल ही में एक ऐसा एक्टर सामने आया है जिसने बॉलीवुड के कई बड़े एक्टर, डायरेक्टर के साथ काम किया है। लेकिन उनकी जिंदगी में एक दौर ऐसा आया की अब वह गुजारा करने के लिए पाई-पाई मोहताज है। एक्टर Savi Sidhu ने अनुराग कश्यप से लेकर अक्षय कुमार और यश राज बैनर के साथ भी काम किया हुआ है। लेकिन इस वक्त वो इंडस्ट्री से दूर हैं और एक – एक रुपए के मोहताज हैं। जिन्हें अब अपना घर चलाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करनी पड़ रही है।
हाल ही में फिल्म कंपैनियन की ओर एक वीडिया जारी किया जिसमें Savi Sidhu नजर आ रहे हैं और अपनी आपबीती बता रहे हैं। Savi ने कहा, “अनुराग कश्यप मिले स्ट्रगल करते-करते, तो मुझे फिल्म ‘पांच’ में लिया। उनकी जो पहली फिल्म थी जो रिलीज नहीं हुई। उसके बाद में उन्होंने फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ में लिया। उसमें मैंने कमिश्नर समर का रोल किया इसके बाद मैंने गुलाल भी की, मैंने यशराज , सुभाष जी, निखिल आडवाणी के साथ ‘पटियाला हाउस’ भी की।”

Savi Sidhu ने बताया कि ‘कई बड़े डायरेक्टर के साथ काम किया। मुंबई में जहां लोगों को काम नहीं मिलता वहीं मुझे कभी काम की कमी नहीं रही। मुझे ही छोड़ना पड़ा सब। मेरी हेल्थ प्रॉब्लम बढ़ने लगी। इस वजह से मैंने फिल्मों से दूरी बना ली। मेरे पास पैसे की कमी होने लगी। सवी ने बताया, “सबसे बुरा वक्त था जब पत्नी को खो दिया। अगले साल पता चला कि पिता नहीं रहे। मां मर गईं। सासू मां मर गईं। ससुर नहीं रहे। एक के बाद कई लोग दुनिया से विदा हो गए। मैं अकेला होते होते बिलकुल अकेला हो गया।” मेरे घर में 7-8 लोगों के अचानक इस तरह मौत होने से मैं बिल्कुल अकेला रह गया।’ अपनी आप बीती बताते-बताते सवी रो पड़ते हैं।’
Savi Sidhu आगे बताते हैं कि ‘सिक्योरिटी गार्ड की जॉब 12 घंटे की होती है। सुबह 8 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक। काफी मुश्किल होता है। घर पहुंचकर मैं ही खाना बनाता हूं और सारे काम करता हूं। सुबह जल्दी उठकर फिर यहां आना होता है।’ प्रोड्यूसर्स से मिलने के सवाल पर Savi कहते हैं कि ‘अभी तो इतने पैसे नहीं है कि बस का किराया देकर किसी प्रोड्यूसर-डायरेक्टर से मिल सकूं।’